मांगना, चाहना, प्रार्थना करना, लालसा करना, अभिलाषा करना
2.
लोभ करना, लालच करना, चाहना, अभिलाषा करना
3.
मनुष्य की वृत्ति रही है कामना या अभिलाषा करना, चाहना।
4.
मनुष्य की वृत्ति रही है कामना या अभिलाषा करना, चाहना।
5.
झुराना, लट जाना, नष्ट होते जाना, २. अति इच्छुक होना, अभिलाषा करना
6.
अशक्ति (असामर्थ्य), आपत्तियाँ, खाने-पीने आदि की तृष्णा, मूकता, (बोल न सकना), मूढ़बुद्धिता (जान न सकना), क्रीडा, कौतुक आदि के विषय में अभिलाषा करना, न मिलने पर दीन-हीन बन जाना और चंचलता-ये सब बाल्यावस्था में ही होते हैं।।